अनेकार्थी शब्द हिंदी ग्रामर के सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यह शब्द हमारे दैनिक जीवन में बहुत ज्यादा उपयोग किये जाते हैं, सामान्य बोलचाल की भाषा में हम अनेकार्थी शब्दों का उपयोग आमतौर पर करते रहते हैं। क्या आप जानते हैं की अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं? यदि आपको नही पता तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आपको अनेकार्थी शब्दों के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो हिंदी ग्रामर की इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
अनेकार्थी शब्द का अर्थ
अनेकार्थी शब्द दो शब्दों से मिलकर बनाया गया है जो कि आप देख सकते हैं-
अनेक + अर्थी = अनेकार्थी
इसका अर्थ होता है अनेक अर्थ वाला, अर्थात जिसके एक से अधिक अर्थ हो।
अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं? – परिभाषा।
जब किसी एक शब्द के एक से अधिक अर्थ निकाले जाए या कहे कि किसी शब्द के एक से अधिक मतलब निकलते हो तो उन शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो कोई ऐसा शब्द जिसके कई सारे अर्थ निकलते हो अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं, इन शब्दों को पर्यायवाची शब्द भी कहा जाता है।
अनेकार्थी शब्द उदाहरण
“कनक कनक ते सौ गुणी,मादकता अघिकाय”।
इस दोहे में ‘कनक’ शब्द दो बार प्रयोग किया गया है यह शब्द एक ही है परंतु इसका अर्थ दोनों बार अलग – अलग है। इसमे पहले कनक का मतलब धतूरा और दूसरे कनक का मतलब सोना है। यह अनेकार्थी शब्दों का सीधा उदाहरण है।
कुछ महत्वपूर्ण अनेकार्थी शब्द
( अ, आ )
अरुण- सूर्य, लाल, सूर्य आदि।
अतिथि- मेहमान, यात्री, साधु, अपरिचित व्यक्ति।
अंक – संख्या, गोद, चिन्ह, नाटक का अंक, गणना की लिपि।
अज- ब्रह्मा, शिव, अजन्मा, बकरा आदि।
अमर- शाश्वत, अविनाशी, देवता।
अपवाद- नियम के विरुद्ध, कलंक, निंदा।
अपेक्षा- इच्छा, आशा, आवश्यकता आदि।
अंबर- अमृत, आकाश, वस्त्र आदि।
अर्थ- कारण, मतलब, भाव, लिए, हेतु, धन,अभिप्राय, प्रयोजन, आशय।
अनन्त- अंतहीन, ईश्वर, आकाश, विष्णु, शेष नाग।
अवकाश- छुटटी, अंतराल, अवसर।
अन्तर- शेष,भेद, हृदय, दूरी।
अंश- कोण का अंश, हिस्सा, किरण।
अपंग- अपाहिज, नेत्रों के कोने, तिलक।
अक्ष- धुरी, आँख, आत्मा, पासा, पहिया।
अमल- अभ्यास, निर्मल, नशा, समय।
अहि- सूर्य, सर्प, कष्ट।
अटक- भ्रमणशील, बाधा, उलझन।
अचल- पर्वत, स्थिर, दृढ़।
अग्र- आगे, मुख्य, शिखर, नोंक।
अभय- शिव, निर्भयता, निरापद।
आँख- परख,नयन, छिद्र, सन्तान।
आत्मा- प्राण, सूर्य, अग्नि।
अधिवास- पड़ोसी, निवास, हठ, बस्ती।
आनंद- मदिरा, ख़ुशी, एक छंद, शिव।
अगज- पहाड़ से उत्पन्न, हाथी से भिन्न।
आभीर- एक राग, अहीर।
( इ, उ )
इतर- साधारण, दूसरा, नीच।
इन्द्र- राजा, देवराज, रात्रि।
इंगित- अभिप्राय, संकेत, हिलना-डूलना।
ईश्वर- स्वामी, परमात्मा, पारा, शिव, पीतल।
उत्तर- जवाब, उत्तर दिशा, हल, पिछला, अतीत।
उद्योग- धंधा, परिश्रम, कारखाना।
उग्र- प्रचंड, विष, महादेव।
उद्योग- धंधा, परिश्रम, कारखाना।
( ए, ओ )
एकाक्ष- कौवा, काना।
ऐरावती- बिजली, इरावती नदी, वटपत्री।
एकांत- स्वस्थचित्त, तत्पर।
औसत- साधारण, बीच का, दरमियानी।
ओक- शूद्र, पक्षी, घर, मतली, पनाह।
( क )
कर्ण- कान, कर्ण (नाम)।
कर- टैक्स, हाथ, सूँड़, किरण।
कला- अंश, कार्य को अच्छे से करने का कौशल।
काल- समय, यमराज, मृत्यु।
कुशल- चतुर, खैरियत।
काम- कामदेव, वासना, पेशा, कार्य, धंधा।
कनक- धतूरा, सोना, गेंहूँ, पलाश।
कल- आने वाला दिन, निकला हुआ दिन।
कृष्ण- कन्हैया, काला, वेदव्यास।
कोट- किला, परिधान।
केतु- ध्वज, एक ग्रह, चमक, श्रेष्ठ।
कंकण- मंगलसूत्र, कंगन, विवाह-सूत्र।
कक्ष- काँख, कमरा, रनिवास, बाजू, लता।
कर्क- केंकड़ा, एक राशि, सफेद, आईना, आग।
केवल- विशुद्ध ज्ञान, एकमात्र।
कमल- पंकज, हिरण, आकाश, ताम्बा।
कसरत- अधिकता, व्यायाम।
कल्प- शराब, सबेरा।
कंबु- शंख, कंगन।
कम्बल- आँसू,गाय के गले का रास, ऊनी वस्त्र।
कुरंग- नीला, हिरण, बदरंग।
कौशिक- नेवला, विश्वामित्र, उल्लू, इन्द्र, सँपेरा।
कुंभ- एक राशि, घड़ा, हाथी का मस्तक।
कुटिल- दुष्ट, टेढ़ा, घुंघराला।
( ख )
खल- बेहया, धतूरा, दुष्ट, धरती, दवा कूटने का खरल, सूर्य।
खर- गधा, दुष्ट, कड़ा, तिनका, मोटा, तीक्ष्ण, एक राक्षस।
खग- तारा, पक्षी, जुगनू, गन्धर्व, बाण।
खंज- लँगड़ा, खंजन।
खैर- कुशल, कत्था।
( ग , घ )
गण- मनुष्य, समूह, शिव के गण,भूतप्रेतादि, पिंगल के गण, छन्द में गिनती के पद।
गो- बाण,आँख,वज्र, पृथ्वी,गाय, बैल,सूर्य, स्वर्ग, सरस्वती इत्यादि।
गुण- शील, रस्सी, कौशल, लाभ, विशेषता, स्वभाव, धनुष की डोरी।
गुरु- ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, शिक्षक, बृहस्पति, भार, भारी,बड़ा।
गदहा- मूर्ख, गधा, वैद्य।
गति- हालत, चाल, पाल, दशा, पहुँच, मोक्ष।
गोविंद- कृष्ण, गोष्ठी का स्वामी।
ग्रहण- चन्द्र, लेना, सूर्यग्रहण।
घट- देह, ह्रदय, घड़ा, किनारा।
घन- अधिक, घना, बादल, गणित का घन, हथौड़ा पिण्ड।
घृणा- बादल, घिन।
घाट- तरफ, उतरने-चढ़ने का स्थान।
गिरा- गिरना, सरस्वती, वाणी।
( च , छ )
चंचला- स्त्री, लक्ष्मी, बिजली।
चरण- पंक्ति, पग, पद्य का भाग।
चन्द्र- कपूर, शशि, सुन्दर, सोना।
चोटी- सिर, शिखर, वेणी।
चारा- पशुखाद्य, उपाय।
चाँद- चन्द्रमा, सिर।
चय- नींव, समूह, तिपाई, टीला, किले का फाटक।
चक्र- चाक, पहिया, बवंडर, लभँवर, समूह।
( ज, ठ )
जाल- बुनावट, फरेब, फंदा, जाला, किरण।
जलज- मोती, शंख, कमल, मछली, सेवार, जोंक, चन्द्रमा।
जीवन- प्राण, जल, जीविका, जीवित।
ठाट- आडंबर, श्रृंगार।
ठाकुर- हजाम, देवता, क्षत्रिय।
( त, थ )
तत्त्व- मूल, ब्रह्मा, वस्त्र, पदार्थ।
तंत्र- उपासना, दवा, पद्धति, कपड़ा, सूत।
तनु- मूर्ति, अल्प, शरीर, कोमल, पतला।
तल्प- अटारी, खाट, स्त्री।
तात- प्यारा, मित्र, पूज्य, पिता, तप्त।
थान- अदद, पशुओं के बाँधने की जगह, स्थान।
( द, ध, न )
द्रव्य- वस्तु, धन।
दंड- डंडा, सज़ा, दमन, आक्रमण, एक व्यायाम।
द्वीप- आश्रम, टापू, हाथी, अवलम्ब।
द्विज- दाँत, पक्षी, ब्राह्मण, गणेश।
दर्शन- मुलाकात, स्वप्न, एक शास्त्र, तत्त्वज्ञान।
धर्म- स्वभाव, प्रकृति, कर्तव्य, सम्प्रदाय।
धन- सम्पति, योग, शुभ कार्य, श्रेय, न्याय।
धाम- शरीर, घर, देवस्थान।
धात्री- पृथ्वी, उपमाता, आँवला।
नाग- पर्वत, हाथी, बादल, साँप।
नंदा- ननद, आनंद, संपत्ति।
नंद- परमेश्वर, हर्ष, मगधराज, मेढ़क।
नाक- स्वर्ग, नासिका, मान।
निशान- चिह्न, तेज करना, यादगार, पताका।
( प, फ )
पर- ऊपर, पंख, बाद, किन्तु।
पय- अन्न, दूध, पानी।
पयोधर- बादल, स्तन।
पति- ईश्वर, स्वामी।
फल- मेवा, लाभ, नतीजा।
फन- हूनर, साँप का फण।
( ब, भ )
बस- वश, गाड़ी, समाप्ति।
बल- ताकत, सेना, बलराम, शक्ति।
बाद- व्यर्थ, पीछे, सिवाय।
बेला- वक्ता, एक फूल, बरतन समय।
भाग- विभाजन, हिस्सा, भाग्य।
भेद- तात्पर्य, रहस्य, अन्तर, प्रकार।
भार- बोझा, काम, सहारा, रक्षा।
( म, य,र )
मित्र- प्रिय, दोस्त, साँप, सूर्य।
मधु- शहद, बसंत, शराब, दूध, मीठा।
मूल- पहला, जड़, वृक्ष की जटा।
योग- नियम, ध्यान, जोड़।
यति- जितेन्द्रिय, योगी, विराम।
रक्त- लाल रंग, लहू, सिंदूर, केसर।
रस- काव्य के नौ रस, प्रेम, सार, अर्क, स्वाद।
रुचि- शोभा, प्रेम, किरण, इच्छा।
( ल, व )
लक्ष्य- निशाना, उद्देश्य।
लोक- जगत्, लोग।
लहर- उमंग, तरंग, जोश।
वर्ण- रंग, जाति, अक्षर।
वर- वरदान, दूल्हा, श्रेष्ट।
वेद- विष्णु, ज्ञान, व्याख्या।
( श, स )
शृंखला- कतार, साँकल, बंधन।
श्रम- परिश्रम, थकावट।
श्रुति- वेद, कान।
सोना- नींद, स्वर्ण।
सुधा- पानी, अमृत।
स्नेह- तेल, प्रेम, चिकनाई।
( ह )
हंस- सूर्य, प्राण, आत्मा, एक पक्षी।
हार- शिथिलता, आभूषण, पराजय।
हरिण- शिव, मृग, नेवला, विष्णु, हंस।
हरि- विष्णु, हाथी, इन्द्र, सिंह।