द्विकर्मक क्रिया, क्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होता है इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको द्विकर्मक क्रिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं और उदाहरण के द्वारा आपको समझने का प्रयास करेंगे।
द्विकर्मक क्रिया परिभाषा
द्विकर्मक का अर्थ दो कर्म का एक साथ प्रयोग करना होता है। जब किसी वाक्य में कर्ता के द्वारा क्रिया का उपयोग करने पर उसका प्रभाव दो कर्मों पर पड़ता है द्विकर्मक क्रिया कहलाती है। इसमे जो कर्म पहले आता है वह प्राणीवाचक होता है तथा जो कर्म बाद में आता है वह निर्जीव होता है।
जैसे – दुकानदार ने ग्राहक को वस्तुएं दी।
इस वाक्य में एक क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है जिसमे से पहले कर्म ग्राहक है और दूसरा कर्म वस्तु है अतः यह द्विकर्मक क्रिया का उदाहरण है।
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
- रवि ने मास्टर जी को प्रणाम किया।
- वे गाड़ी से घर पर जा रहे हैं।
- राम अपने भाई के साथ क्रिकेट खेल रहा है।
- राधा ने रोहन को एक पुस्तक दी।
- राजू ने कुत्ते को खाना दिया।
- दुकानदार ने किशन को एक पंखा बेचा।
- विनोद ने हनी को अपनी किताबे दे दी।
- रेनू अपने दोस्तों के साथ खाना खा रही है।
- विजय ने रोहन को एक पेड़ दिया।
- रश्मि ने दुकानदार से आम ख़रीदे।
- रोशन ने अमन को पीट दिया।
- सिया ने मुझे अमरूद खिलाया।
इस आर्टिकल में हमने आपको द्विकर्मक क्रिया के बारे में बताया कि द्विकर्मक क्रिया और द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण के बारे में बताया यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें आशा करता हूं इससे आप की परीक्षा में जरूर हेल्प होगी।