एकार्थक शब्द – परिभाषा
यह ऐसे शब्द होते हैं जिनके कभी भी एक से अधिक अर्थ नही निकलते हैं अर्थात ऐसे शब्द जिनका सिर्फ एक ही अर्थ होता है एकार्थक शब्द या एकार्थी शब्द कहलाते हैं। यह शब्द देखने मे तो समानार्थी शब्द या अनेकार्थी शब्दों की तरह ही लगते है परन्तु यह समानार्थी शब्द नही होते हैं। यदि आप इनको ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो यह आप इनको अच्छे से पहचान जायेगे और इनमें अन्तर भी समझ जायेंगे।
एकार्थक शब्द भेद और उदाहरण
व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ इस तरह के शब्दों के सबसे अच्छे उदाहरण में से एक हैं।
जैसे – राम, श्याम, गीता, आनंद आदि।
इस प्रकार के शब्दों के कभी भी एक से अधिक अर्थ नही निकलते हैं इसलिए इन शब्दों को एकार्थक शब्द या एकार्थी शब्द कहते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण
अधिक – आवश्यकता से बढ़कर
अति – आवश्यकता से बहुत ज्यादा
पर्याप्त – जितनी आवश्यकता हो उतना ही
अगम – जहाँ तक न पहुचा जा सके
दुर्गम – जहाँ तक पहुचना कठिन हो
असफल – व्यक्ति के लिये प्रयुक्त
निष्फल – कार्य के लिए प्रयुक्त
अशुद्धि – भाषा सम्बन्धी बोलने और लिखने में गलती
भूल – सामान्य गलती
त्रुटि -बड़ी गलती
अनुज – छोटा भाई
अग्रज – बड़ा भाई
प्रलाप – व्यर्थ की बात करना
विलाप – द में रोना
द्वेष – अकारण शत्रुता
ईर्ष्या – दूसरे की उन्नति पर जलना
खेद – अपनी भूल पर पश्चाताप करना
ग्लानि – अकेले में भूल का पश्चात्ताप कटान
लज्जा – किसी कार्य को करने में सर्म करना।
अलौकिक – जो सामान्यतः इस दुनिया में नहीं पाया जाए
अनुभव – अभ्यास से प्राप्त किया गया ज्ञान
अनुभूति – चिंतन – मनन से प्राप्त किया गया ज्ञान
अनुकूल – पक्ष के हिसाब से भाव प्रकट होना
अनुरूप – समानता का बोध होना
शस्त्र – हाथ से पकड़कर चलाया जाने वाला हथियार
अस्त्र – फेककर चलाया जाने वाला हथियार
अवस्था – जीबन का गुजरा हुआ भाग
अपराध – कानून के विरुद्ध किया गया कार्य
अभिनन्दन – किसी की सराहना करना
स्वागत – किसी के आगमन पर उसका सम्मान करना
अणु – किसी पदार्थ की सबसे छोटी यूनिट
परमाणु – किसी तत्व की सबसे छोटी यूनिट
अर्पण – छोटे के द्वारा बड़ो को दिया जाने वाला
प्रदान – बड़ो के द्वारा छोटो को दिया जाने वाला
अमूल्य – जिस बस्तु को कोई भी मूल्य नहीं लगाया जा सके।
अनमोल – जिसका कोई मोल न हो।
अहंकार – स्वंय को सीमा से अधिक समझना
आनन्द – ख़ुशी का गम्भीर और स्थायी भाव।
व्याधि – शारिरीक कस्ट का होना।
आधी – मानसिक कष्ट का होना।
आवेदन – नियम के हिसाब से की जाने वाली प्रार्थना।
आवश्यक – किसी कार्य का जरूरी होना।
अनिवार्य – वह कार्य जिसको निश्चित रूप से करना हो।
निवेदन – विनय व भाव पूर्वक की जाने वाली प्रार्थना
अविष्कार – किसी नई बस्तु की खोज करना।
अन्वेषण – किसी अज्ञात स्थान को खोजना।
अनुसंधान – किसी रहस्य की खोजबीन करना
आशंका – किसी अनिष्ट बात की कल्पना से उत्पन्न भय
आज्ञा – बड़ो के द्वारा छोटो को किसी कार्य को करने के लिए कहना।
शंका – किसी बात के होने में संदेह होना।
उत्साह – किसी भी कार्य को निर्भीक होकर करना
कस्ट – शारीरिक पीड़ा का होना।
क्लेश – मानसिक पीड़ा का होना
दुःख – आंतरिक पीड़ा का होना।
अभिमान – प्रतिष्ठा में दूसरों को छोटा और खुद को बड़ा समझना।
आयु – सम्पूर्ण जीवनकाल की अवधि।
अंतःकरण – विशुद्ध मन के लिये शान्ति प्राप्त करना।
अपरिचित – जिससे जान पहचान न हो।
अज्ञात – जिसका हमे बोध (पता) ना हो
अनुदान – किसी को दी जाने वाली आर्थिक सहायता।
अनभिग्य – जिससे हम अनजान हो।
अज्ञेय – जिसका बोध करना लगभग असंभव हो।
आगामी – भविष्य में आने वाला समय।
अभिनेत्री – स्टेज पर नारी की भूमिका निभने वाली स्त्री।
आराधना – भगवान या फिर गुरुदेव के आगे की जाने वाली दया याचना।
आमंत्रण – किसी सादी या समारोह में बुलाने के लिए दिया गया बुलावा।
इच्छा – किसी भी बस्तु की चाहत रखना
उत्साह – पूरे जोश से कार्य करना ।
उपासना – अपने ईष्टदेव या भगवान की नित्य रूप से साधना करना।
उपाय – किसी समस्या से निकलने का रास्ता खोजना।
उपकरण – यह वह बॉस्तु है जो किसी कार्य को पूरा करने में सहायक हो।
उदाहरण – किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए प्रस्तुत किया गया प्रमाण।
कलंक – गलत संगति के कारण चरित्र पर लगा दोष।
कंगाल – जिसके पास पेट पालने के लिए कुछ भी ना हो
कुशल – जो हर कार्य को शारिरिक और मानसिक रूप सेप करने में सक्षम हो।
कर्मठ – प्रत्येक कार्य को लगन और मेहनत से करने वाला
क्रांति – जनता द्वारा सत्ता को पलटने के लिए किया गया संघर्ष ।
खेद -किसी गलती पर ह्रदय से दुखी होना।
खटपट – दो पक्षों के बीच किया गया झगड़ा।
प्रतिदान – बदले में किया गया दान
पुरुस्कार – किसी अच्छे कार्य के लिए दिया गया सम्मान
साहस – किसी भी कार्य को विना भय के करना।
संकोच – किसी भी कार्य को करने में हिचकना।
आभारी – उपकार करने वाले व्यक्ति के प्रति सच्चे भाव।
तन्द्रा – हल्की नींद लेना।
निंद्रा – गहरी नींद लेना।
नमस्कार – अपने से बराबर वाले व्यक्ति के साथ नम्रता प्रकट करना।
परिश्रम – सभी प्रकार की मेहनत को व्यक्त करना।
परामर्श – किसी बड़े से सलाह मशोहरा करना।
मन्त्रण – गोपनीय तरीके से सलाह मशोहरा करना।
यातना – दूसरों के द्वारा दिया गया कस्ट।
प्रार्थी – किसी से प्रार्थना करने वाला व्यक्ति
महोदय – इस शब्द का प्रयोग बड़े लोगो को आदर पूर्वक अनुरोध करने के लिए किया जाता है।
व्यापार – खरीदने और बेचने का कार्य करना।
श्रीमान – बड़ो को बोलने वाला आदरणीय शब्द।
मनोहर – जो बस्तु मन को लुहाने वाली हो।
दीन – निर्धनता के कारण अत्यधिक ग्रसित
दोष – गलत कार्य करने का आरोप।
दुर्मूल्य – जिस बस्तु का मूल्य सीमा से अधिक हो।
दया – दूसरों की दुख में मदद करना।
न्याय – किसी को इंसाफ दिलाना।
निकट – किसी व्यक्ति के पास होना।
बचपन – उम्र की एक अवस्था
बधाई – बड़ी उपलब्धि पर किसी को शुभकामनाएं देना।
विपरीत – सदैव उल्टा निर्णय लेना
विद्रोह – किसी शासन के विपरीत कार्य करना।
निपुण – किसी कार्य करने का अच्छी तरह से जानकारी रखने वाला।
प्रयास – किसी कार्य के लिए लगातार प्रयास करना।
कल्पना- मन के शोचने की क्रिया।