1000 + Hindi Muhavare ( हिंदी मुहावरे अर्थ सहित )

मुहावरा शब्द अरबी भाषा के शब्द ‘ मुहावर’ से लिया गया है जिसका शाब्दिक होता है “अभ्यास” हिन्दी भाषा में मुहावरों का प्रयोग अक्सर भाषा को सरल तथा प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है। मुहावरों के प्रयोग से हिंदी भाषा सुंदर तथा संक्षिप्त बनती है, जिससे हिंदी भाषा को समझने में सरलता आती है। अलग अलग भाषा में मुहावरे को अलग अलग नामों से जाना जाता है लेकिन इसका कार्य हमेशा एक ही रहता है। 

जब भी किसी वाक्य में मुहावरे का प्रयोग किया जाता है तो उस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ नहीं लिया जाता बल्कि इसका विशेष अर्थ लिया जाता है, इसका मुख्य कारण यह है कि मुहावरे का शाब्दिक अर्थ उनके विशेष अर्थ से बहुत अलग होता है जैसे – 

अक्ल पर पत्थर पड़ना – इस मुहावरे का शब्दिक अर्थ है किसी के सर पर पत्थर पड़ना या रखना, इस प्रकार इसके शाब्दिक अर्थ का किसी भी प्रकार का कोई अर्थ नहीं है लकिन जब इस मुहावरे के विशेष अर्थ को लिया जाता है तो उसका अर्थ होता है कि, बुद्धि भ्र्ष्ट होना। प्रत्येक मुहावरे का सिर्फ विशेष अर्थ ही लिया जाता है। 

मुहावरा का अर्थ

जब किसी वाक्य से उसके सामान्य अर्थ का बोध न हो लेकिन किसी विलक्षण अर्थ का बोध हो तो उसे मुहावरा कहा जाता है। 

मुहावरे की विशेषताएं

1. प्रया: मुहावरों का संबंध किसी भाषा विशेष से होता है। प्रत्येक भाषा की संस्कृति और उसके सामाजिक उपयोग के अनुसार मुहावरों का प्रयोग किया जाता है और उनका अर्थ निकला जाता है। 

2. मुहावरों का अर्थ उनके सामान्य अर्थ से न लेकर उनके विशेष अर्थ से लिया जाता है, समय समय पर मुहावरों का प्रयोग बदलता रहता है। 

3. मुहावरों का अर्थ उनकी लक्ष्णा शक्ति से निकलता है और उनके विशिष्ट अर्थ में समां जाता है। 

उदाहरण के तौर पर

(1) राकेश का भाई उसकी नौकरी की सूचना मिलने के बाद फूला न समाया। अर्थात बहुत खुश हुआ। 

(2) आजकल सब लोग अपना उल्लू सीधा करने में लगे होते है। अर्थात अपना मतलब निकालना में। 

(3) आजकल के लोग दूसरों के बारे में आग उगलते रहते है। अर्थात कड़वी बाते कहना। 

(4) रोहित ने कल कॉलेज में गाना गा के गजब ढा दिया। अर्थात कमाल करना। 

(5) लोगो को मेरा काम गले नहीं उतरता। अर्थात पसंद न आना। 

ऊपर प्रयोग किये गए मुहावरे अपना शब्दिक अर्थ व्यक्त न करके कोई विशेष अर्थ निकाल रहें है जिससे इन वाक्यों को पढ़ने में और अधिक दिलचस्पी बढ़ रही है। 

मुहावरे : भेद और प्रभेद

मुहावरों को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है –

(1) सादृश्य पर आधारित मुहावरे

(2) शारीरिक अंगों पर आधारित मुहावरे

(3) असंभव स्थितियों पर आधारित मुहावरे

(4) कथाओं पर आधारित मुहावरे

(5) प्रतीकों पर आधारित मुहावरे

(6) घटनाओं पर आधारित मुहावरे

(1) सादृश्य पर आधारित मुहावरे– समानता पर आधारित मुहावरों को सादृश्य पर आधारित मुहावरे कहा जाता है जैसे – चूड़ियां पहनना, सोने पर सुहागा आदि। 

(2) शारीरिक अंगों पर आधारित मुहावरे – हिंदी भाषा में बहुत सारे ऐसे मुहावरें है जो मानव शरीर के अंगो पर आधारित है हलांकि उनका विशिष्ट अर्थ अलग है जैसे  – आँखें चुराना, अँगूठा दिखाना, आँखों से गिरना, सिर हिलाना, उँगली उठाना, कमर टूटना, कलेजा मुँह को आना, छाती पर साँप लोटना, पीठ दिखाना, बगलें झाँकन, आदि।

(3) असंभव स्थितियों पर आधारित मुहावरे– हिंदी भाषा में बहुत सारे ऐसे मुहावरें है जोकि असंभव स्थितिओं पर आधारित है और इनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन इनका विशिष्ट अर्थ इनकी योग्यता को बढ़ा देता है।  असंभव स्थितियों पर आधारित मुहावरों के उदहारण जैसे – पानी में आग लगाना, पत्थर का कलेजा होना, जमीन आसमान एक करना, सिर पर पाँव रखकर भागना, हवाई किले बनाना, आदि। 

(4) कथाओं पर आधारित मुहावरे – हिंदी भाषा में बहुत से ऐसे मुहावरें है जोकि लोक कथाओं पर आधारित हैं जैसे – एक और एक ग्यारह होना, हाथों-हाथ बिक जाना, साँप को दूध पिलाना, रँगा सियार होना, काठ में पाँव देना आदि।

(5) प्रतीकोंपरआधारितमुहावरे – हिंदी भाषा में बहुत से मुहावरें प्रतीकों पर आधारित है जैसे – एक आँख से देखना, एक ही लकड़ी से हाँकना, एक ही थैले के चट्टे-बट्टे होना, तीनों मुहावरों में प्रयुक्त ‘एक’ शब्द ‘समानता’ का प्रतीक है उसी प्रकार अगर किसी मुहावरे में ढाई शब्द का प्रयोग होता है वहां ‘नगण्यता’ की बात हो रही है क्यूंकि वह’नगण्यता’ का प्रतीक है। 

(6) घटनाओंपरआधारितमुहावरे – हिंदी भाषा में बहुत से ऐसे मुहावरे हैं जो किसी घटना पर आधारित होते हालाँकि वह घटना वास्तविक नहीं होती लेकिन उसका विशिष्ट अर्थ उसकी विशेषता प्रकट करता है। जैसे – काँटा निकालना, काँव-काँव करना, ऊपर की आमदनी, गड़े मुर्दे उखाड़ना आदि। 

प्रसिद्धमुहावरेंएवंउनकाअर्थ – 

अपनेमुँहमियाँमिट्ठूबनना (स्वयंअपनीप्रशंसाकरना)– राकेश तुम पढ़ाई में बहुत अच्छे हो इसलिए तुम्हें अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना तनिक भी शोभा नहीं देता तुम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दो। 

अक्लकाचरनेजाना (समझकाअभावहोना)– तनुजा तुम्हारी अकल क्या घास चरने गई है तुम इतना पैसा खर्च क्यों कर रही हो। 

अपनेपैरोंपरखड़ाहोना (स्वालंबीहोना)– निकेश ने फैसला लिया है कि वह जब अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा तभी शादी करेगा। 

अक्लकादुश्मन (मूर्ख)- सावरकर तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते, लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।

अपनाउल्लूसीधाकरना (मतलबनिकालना)- आजकल नेता लोग अपना उल्लू सीधा करने के सिवाय कुछ नहीं जानते। 

अन्धेरनगरी (जहाँधांधलीकाबोलबालाहो)- आजकल राजनीती में अन्धेरनगरी का बोलबाला है। इसलिए इससे दूर रहना ही समझदारी है। 

अक्लकीदुम (अपनेकोबड़ाहोशियारलगानेवाला)- दस तक का पहाड़ा भी तो आता नहीं, मगर अक्ल की दुम साइन्स का पण्डित बनता है।

अगलेजमानेकाआदमी (सीधासादा, ईमानदार)- आज की दुनिया ऐसी हो गई कि अगले जमाने का आदमी बुद्धू समझा जाता है और उसे कोई एहमियत नहीं दी जाती। 

अढाईदिनकीहुकूमत (कुछदिनोंकीशानोशौकत)– नेताजी, जरा होशियारी से काम लें। यह अढाई दिन की हुकूमत जाती रहेगी।

डूबमरना (बहुतलज्जितहोना)- जब भी तुम ऐसी गंदी बातें करते हो तो मुझे डूब मरने का मन करता है। 

डूबतीनैयाकोपारलगाना (संकटसेछुड़ाना)- ईश्वर की कृपा होगी तभी हम सबकी डूबती नैया पार लगेगी।

डेराडालना (निवासकरना)- साधु ने मंदिर में जाकर अपना डेरा डाल दिया और अब वहां से नहीं जा रहा है।  

डेराउठाना (चलदेना)- स्वामी जी एक जगह नहीं रुकते। कुछ दिनों बाद ही डेरा उठाकर दूसरी जगह के लिए चल देते हैं।

डोरेडालना (किसीकोअपनेप्रेमपाशमेंफँसानेकीकोशिशकरना)– संजीव उस लड़की पर डोरे डाल रहा था लेकिन उस लड़की का भाई पुलिस में है यह सुनकर संजीव डर के मारे उसके पास कभी नहीं गया। 

डूबतेकोतिनकेकासहारा– (संकटमेंपड़ेकोथोड़ीमदद) – जब राकेश के पास पैसे नहीं थे तो मैंने उस डूबते को तिनके की तरह सहारा दिया और आज वह हर जगह मेरा गुणगान करता रहता है कि उससे अच्छा दोस्त कोई नहीं। 

ढीलदेना (छूटदेना)- दादी माँ कहती हैं कि बच्चों को अधिक ढील नहीं देनी चाहिए नहीं तो वह  बिगड़ जाते जाते है। 

ढेरहोजाना (गिरकरमरजाना)- कल पुलिस की मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो गए।

ढोलपीटना (सबसेबताया)– अरे, कोई इस रानी को कुछ मत बताना, वरना ये ढोल पीट देगी इसलिए चुप रहना ही बेहतर है। 

ढपोरशंखहोना (केवलबड़ीबड़ीबातेंकरना, कामकरना)– राहुल तो ढपोरशंख है, बस बातें ही करता है, काम कुछ नहीं करता यही कारण है कि इस साल फ़ैल हो गया 

ढर्रेपरआना (सुधारना)- जब से उसे जो नई बीमारी हुई है तब से वह ढर्रे पर आ गया है 

ढलतीफिरतीछाया (भाग्यकाखेलयाफेर)- वह पढ़ने में बहुत अच्छा है लेकिन भी फ़ैल हो गया सब ढलती-फिरती छाया है।

ढाईईंटकीमस्जिद (सबसेअलगकार्यकरना)- चीन हर दिन ढाई ईंट की मस्जिद बना रहा है।

ढाईदिनकीबादशाहतहोनायामिलना (थोड़ेदिनोंकीशानशौकतयाहुकूमतहोना)- नेता लोग जीतने के बाद बात भी नहीं करते लेकिन वो भूल जाते है कि यह सर ढाई दिन की बादशाहत है। 

ढेरकरना (मारगिराना)– पुलिस ने कल दो लुटेरों को सरेआम ढेर कर दिया जिससे बाकी लुटेरे भी डरे हुए है। 

ढोलकीपोल (खोखलापन; बाहरसेदेखनेमेंअच्छा, किन्तुअन्दरसेखराबहोना)– बॉलीवुड तो ढोल की पोल है- बाहर से सुन्दर और अन्दर से खराब 

ढलजाना (कमजोरहोजाना, वृद्धावस्थाकीओरजाना)- बीमारी के कारण मेरे दादा के भाई सारा शरीर ढल गया है।

ढिंढोरापीटना (घोषणाकरना)- नेता लोग जीतने से पहले ही ढिंढोरा पीटना शुरू कर देते है लेकिन जीतने के बाद भी कुछ नया नहीं करते। 

ढोंगरचना (पाखंडकरना)– ढोंग रचने वाले बाबाओं को भारत में बहुत अधिक इज्जत दी जाती है जबकि मुझे इनसे सख्त नफरत है। 

तूतीबोलना (बोलबालाहोना)– आजकल तो राहुल गांधी की पंजाब में तूती बोल रही है।

तारेगिनना (चिंताकेकारणरातमेंनींदआना)– मेरी परीक्षा नजदीक आते ही मैं तारे गिनना शुरू क्र देता हूँ। 

तिलकाताड़बनाना (छोटीसीबातकोबढ़ाचढ़ाकरकहना)- कुछ लोग छोटी से बात का तिल से ताड़ बना देते है। 

तीनतेरहकरना (नष्टकरना, तितरबितरकरना)– जरा सी बात पर झगड़ा करने से दोनों भाइ तीन तेरह हो गए। 

तकदीरखुलनायाचमकना (भाग्यअनुकूलहोना)– सरकारी नौकरी लगने से काजल की तो तकदीर चमक गई।

तख्तापलटना (एकशासकद्वारादूसरेशासककोहटाकरउसकेसिंहासनपरखुदबैठना)- म्यांमार में तख्तापलट की राजनीति जोर शोर से की जा रही है। 

तलवेचाटना (चापलूसीकरना)- नेता लोगों के रात दिन तलवे चाट कर भी वह अपने बेटे को नौकरी नहीं दिला सका।

तलवेधोकरपीना (अत्यधिकआदरसत्कारयासेवाकरना)– हमें अपने माता-पिता के तलवे धोकर पिने चाहिए तभी हमें सफलता और ख़ुशी मिलेगी। 

तलवारकीधारपरचलना (बहुतकठिनकार्यकरना)– आज के समय में सरकारी नौकरी पाना तलवार की धार पर चलने के समान है।

औंधीखोपड़ी (उलटीबुद्धि)– जब हमारी कक्षा के अध्यापक यह पता चला कि नरेंद्र औंधी खोपड़ी का है तो उन्होंने उससे सवाल पूछना बंद कर दिया। 

औंधेमुँहगिरना (बुरीतरहधोखाखाना)– कई सारे सफल लोग साझेदारी में काम करके औंधे मुंह गिर चुके हैं तब जाकर उन्हें सफलता प्राप्त हुई है।  

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