छत्तीसगढ़ के राज्यपाल कौन है?

आज के समय अनुसूया जी छत्तीसगढ़ की राज्यपाल है, अनुसुइया उइके जी का जन्म 10 अप्रैल 1957 को हुआ था, और आज के समय में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल है। उन्होंने सन 1985 में मध्य प्रदेश Legislative Assembly Election जीता था और भारतीय नेशनल कांग्रेस से चुनाव जीता था।

उसके पश्चात उन्होंने महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत अर्जुन सिंह की कैबिनेट का कार्यभार संभाला। इसके पश्चात इन्होंने सन 1998 में बीजेपी को ज्वाइन किया था और एक बार के जरिए भारत के राष्ट्रपति के पद को भी संभालने वाली थी। लेकिन भारत के राष्ट्रपति नहीं बन पाई। सन 2006 में यह मध्य प्रदेश राज्य की तरफ से सांसद भी रह चुकी है, पर आज के समय यह छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल है।

अनुसुइया उइके जी का परिचय

  • पूरा नाम: अनुसुइया उइके
  • जन्म: 10 अप्रैल 1957
  • उम्र: 65 वर्ष
  • राष्ट्रीयता: भारतीय
  • राजनैतिक दल: भारतीय जनता पार्टी

माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके जी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिला के गांव रोहना कला में रहने वाली है। इनका जन्म भी वही हुआ था। उनके पिता जी का नाम स्वर्गीय श्री लखन लाल जी के हैं, और यह छात्र जीवन सहित सामाजिक विज्ञान और राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी लेती रही है। यह अपने क्षेत्र अर्थात मध्य प्रदेश से पूर्व राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष की है।

छत्तीसगढ़  के राज्यपालों की सूची

NO.राज्यपालअवधि
1.डी. एन. सहाय1 नवम्बर 2000 से 1 जून 2003 तक
2.कृष्ण मोहन सेठ2 जून 2003 से 25 जनवरी 2007 तक
3.ई. एस. एल. नरसिम्हन25 जनवरी 2007 से 23 जनवरी 2010 तक
4.शेखर दत्त23 जनवरी 2010 से 19 जून 2014 तक
5.राम नरेश यादव (Acting)19 जून 2014 से 14 जुलाई 2014 तक
6.बलराम दास टंडन18 जुलाई 2014 से 14 अगस्त 2018 तक
7.आनंदीबेन पटेल (अतिरिक्त प्रभार)15 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक
8.अनुसुईया उईके29 जुलाई 2019 से आज तक

राज्यपाल के तौर पर सुश्री अनुसुइया उइके जी का उद्देश्य

  • आज के समय छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार दोनों में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है।
  • छत्तीसगढ़ में आज का समय कांग्रेस की सरकार है, जबकि केंद्रीय सरकार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चलायमान है।
  • इसीलिए आज के समय अनुसूया जी केंद्र सरकार की ओर से राज्यपाल के पद पर नियुक्त की गई है
  • छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के रूप में एक लोकतंत्र को मजबूत करने वाली कड़ी के रूप में काम कर सके।

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