जब किसी कार्य को करने का समय ज्ञात होता है जैसे कोई कार्य आज होगा या संपन्न हो चुका है या कल होगा या पिछले दिन ही संपन्न हो चुका है इसे काल कहते हैं .
दूसरे शब्दों में कहें तो काल क्रिया के उस रूपांतरण को कहा जाता है जिसके द्वारा उसके कार्य की सही समय की अवस्था का बोध हो जैसे –
बच्चे पढ़ रहे हैं और मैडम पढ़ा रही हैं
बच्चे पढ़ रहे थे और मैडम पढ़ा रही थी
बच्चे पढ़ेंगे और मैडम पढ़ाएंगे
क्या बच्चे पढ़ रहे थे क्या मैडम पढ़ा रही थी
क्या बच्चे पढ़ रहे हैं क्या मैडम पढ़ा रही हैं
बच्चे क्या पढ़ रहे थे मैडम जी क्या पढ़ा रही थी
उपयुक्त वाक्य, काल के कुछ उदाहरण है साधारण शब्दों में कहें तो जिस वाक्य में किसी कार्य के समय का बोध हो उस समय को काल कहा जाता है। जैसे पहले वाक्य में बच्चे पढ़ रहे हैं और मैडम बढ़ा रही हैं और दुसरे वाक्य में बच्चे पढ़ चुके हैं और मैडम पढ़ा चुकी है इसी प्रकार इससे आगे का यह क्रम चलता रहेगा।
जब किसी कार्य के होने का समय या किसी कार्य को करने का समय या किसी कार्य के हो जाने का समय ज्ञात हो तो उसे काल कहा जाता है।
उपयुक्त उदाहरणों में बच्चों के द्वारा पढ़ाई वर्तमान में हो रही है और मैडम वर्तमान में ही पढ़ा रही हैं, लेकिन दूसरे वाक्य में बच्चे भूतकाल में पढ़ चुके हैं और मैडम भूतकाल में पढ़ा चुकी है।
उसी तरह तीसरे वाक्य में बच्चे भविष्य में अभी पढ़ेंगे और मैडम भविष्य में बच्चों को पढ़ाएंगी इस प्रकार आगे के वाक्यों में काल के साथ प्रश्नवाचक क्रिया का इस्तेमाल किया गया है जिससे वह एक काल के साथ एक प्रश्न =वाचक क्रिया का रूप है।
काल के भेद-
काल के तीन भेद होते है-
(1) वर्तमान काल (present Tense) – वर्तमान में जो समय चल रहा है।
(2) भूतकाल (Past Tense) – जो समय पहले बीत चुका है।
(3) भविष्यत काल (Future Tense)– जो समय भविष्य में आने वाला है।
(1) वर्तमान काल – क्रिया के जिस रुप से वर्तमान में चल रहे समय का बोध हो उसे वर्तमान काल कहा जाता है साधारण शब्दों में कहें तो जो समय वर्तमान में चल रहा है जैसे आप यह लेख वर्तमान में पढ़ रहे हैं तो यह वर्तमान काल है।
अगर आप अभी खाना खा रहे हैं तो यह भी एक वर्तमान काल का उदाहरण है वर्तमान काल को पहचानने के लिए वाक्य के अंत में ता, ती, ते, हैं, है, आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिनके उदाहरण नीचे दिए गए हैं –
बच्चा पढ़ रहा है
वह पुस्तक मेज पर रखी हुई है
बोतल में पानी भरा हुआ है
कप में चाय रखी हुई है
चार्जर से मोबाइल फोन लगाया गया है
बच्चे स्कूल ग्राउंड में खेल रहे हैं
उपयुक्त उदाहरणों में दिए गए प्र्तेक वाक्य वर्तमान समय की ओर इशारा करते हैं क्योंकि उपयुक्त दिए गए प्रत्येक उदाहरण में किसी भी प्रकार का कार्य वर्तमान समय में अभी हो रहा है वह ना तो संपन्न हुआ है और ना ही होने वाला है उपयुक्त उदाहरणों में प्रत्येक कार्य अभी चल रहा है इसलिए उपयुक्त दिया गया प्रत्येक उदाहरण वर्तमान काल से संबंधित है।
वर्तमान काल के भेद
वर्तमान काल के पाँच भेद होते है-
(i) सामान्य वर्तमानकाल (Simple present tense) – क्रिया के जिस रूप से वर्तमान में किसी कार्य के होने के समय का बोध हो उसे सामान्य वर्तमान काल कहा जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो जो कार्य वर्तमान समय में होता है वह सामान्य वर्तमान काल कहलाता है। जैसे –
बच्चा रोता है।
बूढ़ा आदमी चश्मा लगा कर देखता है।
नानी राम नाम जप दी है।
उपयुक्त उदाहरणों में किसी कार्य का वर्तमान में होना पाया गया है इसलिए यह सामान्य वर्तमान काल है।
(ii) तत्कालिक वर्तमानकाल (Present perfect tense) – क्रिया के जिस रूप से उस समय का पता चलता है जिस समय कोई कार्य हो रहा होता है वह तत्कालिक वर्तमान काल कहा जाता है।
इसका उदाहरण है –
मैं पढ़ रहा हूं।
वह कॉलेज जा रहा है।
आप मोबाइल चला रहे हो।
मम्मी खाना बना रही है।
पापा खाना खा रहे हैं।
उपयुक्त सभी उदाहरण तत्कालिक वर्तमानकाल के हैं क्योंकि यह सभी कार्य वर्तमान काल में सुचारु रूप से हो रहे हैं।
(iii) पूर्ण वर्तमानकाल (Present continuous tense) – क्रिया के जिस रुप से किसी कार्य के संपन्न होने का बोध होता है वह पूर्ण वर्तमान काल कहलाता है इस काल में कोई भी कार्य संपूर्ण हो चुका होता है। जैसे –
मैं पढ़ चुका हूं।
मम्मी खाना बना चुके हैं।
पापा खाना खा चुके हैं।
यह सभी उदाहरण पूर्ण वर्तमानकाल के हैं क्योंकि यह सभी कार्य संपन्न हो चुके हैं।
(iv) संदिग्ध वर्तमानकाल (Present perfect continuous tense) – जब किसी कार्य के वर्तमान में संपन्न होने पर संदेह किया जाए तो उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहा जाता है।
जैसे – वह पढ़ता होगा।
पापा खाना खाते होंगे।
इन वाक्यों में क्रिया के होने पर संदेह व्यक्त किया गया है। अतः यह संदिग्ध वर्तमान काल है
(v) संभाव्य वर्तमानकाल (probable present tense) – क्रिया के जिस रुप से किसी कार्य के वर्तमान समय में पूर्ण होने की संभावना होती है उसे संभाव्य वर्तमानकाल कहा जाता है।
जैसे –
वह पढ़ रहा होगा
पापा खाना खा रहे होंगे।
उपयुक्त वाक्य में क्रिया के किसी कार्य के संपन्न होने की संभावना व्यक्त की जा रही है इसलिए यह एक संभाव्य वर्तमानकाल है।
(2) भूतकाल – जब बीते हुए समय का बोध हो तो उसे भूतकाल कहा जाता है साधारण शब्दों में कहें तो क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए
वह कल खुदाई कर रहा था।
बच्चा पढ़ाई कर रहा था।
तुम खाना खा रहे थे।
भारत श्रीलंका के साथ क्रिकेट मैच खेल रहा था।
उपयुक्त वाक्यों में किसी कार्य के बीते हुए समय का बोध हो रहा है इसलिए यह भूतकाल है।
भूतकाल के भेद
भूतकाल के छह भेद होते है-
(i) सामान्य भूतकाल – जब क्रिया के किसी रूप से किसी कार्य के बीते हुए समय का बोध हो तो उसे सामान्य भूतकाल कहा जाता है। जैसे – तुमने खाना खाया और तुम चले गए। इन वाक्यों में क्रिया के बीते हुए समय में कार्य सम्पन हो चुके है इसलिए यह सामान्य भूतकाल है।
(ii) आसन भूतकाल – क्रिया के जिस रुप से हाल ही में किसी कार्य के संपन्न होने का बोध हो तो उसे आसन्न भूतकाल कहा जाता है इसमें कोई कार्य हाल ही में समाप्त हुआ होता है, जैसे – मैंने पानी पिया। इस वाक्य से इस बात का बोध हो रहा है कि मैंने कोई कार्य हाल ही में संपन्न किया है इसलिए ये आसन्न भूतकाल है।
(iii) पूर्ण भूतकाल – जब किसी कार्य को पूरा करने का निश्चित समय ज्ञात हो तो उसे पूर्ण भूतकाल कहा जाता है जैसे मैंने कल खाना खाया था, इसमें मुझे अपने खाना खाने का निश्चित समय ज्ञात है इसलिए एक पूर्ण भूतकाल है
(iv) अपूर्ण भूतकाल – क्रिया के जिस रुप से बीते हुए समय में किसी ऐसे कार्य का बोध हो जो अभी तक पूरा ना हुआ हो वह अपूर्ण भूतकाल कहलाता है जैसे बच्चा पढ़ रहा था इस वाक्य में अभी इस बात की समाप्ति नहीं हुई कि वह बच्चा अभी भी पढ़ रहा है या वह सिर्फ उसी समय तक पढ़ रहा था।
(v) संदिग्ध भूतकाल – जब किसी कार्य के भूतकाल में पूर्ण होने के संदेह हो तो उससे संदिग्ध भूतकाल का नाम दिया जाता है जैसे बच्चा पढ़ रहा होगा और उससे बस छूट गई होगी इस वाक्य में इस बात का संदेह है कि बच्चा पढ़ रहा था या उससे बस छूट गई थी इसलिए यह एक संदिग्ध भूतकाल का उदाहरण है।
(vi) हेतुहेतुमद् भूत – जब भूतकाल में किसी क्रिया के होने या ना होने पर किसी अन्य क्रिया का होना या ना होना निर्भर करता है तो उसे हेतुहेतुमद भूतकाल कहा जाता है।
इस काल से इस बात का पता चलता है कि कोई कार्य भूतकाल में होने वाला था पर किसी कारण से नहीं हो पाया।
उदाहरण के लिए – अगर मैंने अच्छी तरह पढ़ाई की होती तो मैं पास हो जाता। इस वाक्य में भूतकाल में अगर मैंने कोई क्रिया यानि पढ़ाई की होती तो मैं पास हो गया होता।
(3) भविष्यत काल – जब किसी क्रिया को आने वाले समय में करने पर विचार किया जाता है तो उसे भविष्यत काल कहा जाता है।
जैसे मैं अगले महीने अच्छे से पढ़ाई करूंगा। इस वाक्य में मैं भविष्य में किसी कार्य को करने की बात कर रहा हूं इसलिए यह भविष्य काल है।
भविष्य काल के भेद
भविष्यकाल के तीन भेद होते है-
(i) सामान्य भविष्यकाल – जब किसी क्रिया के भविष्य में किए जाने के बारे में विचार किया जाता है तो उसे सामान्य भविष्यकाल कहा जाता है। जैसे मैं पढ़ लूंगा इस वाक्य में मैं किसी काम को भविष्य में करूंगा इसलिए यह एक सामान्य भविष्यकाल है।
(ii) सम्भाव्य भविष्यकाल – जब किसी क्रिया के भविष्य में होने की संभावना हो तो उसे संभाव्य भविष्य काल कहा जाता है। जैसे – शायद वह आगे अच्छा काम करेगा। इस वाक्य में किसी के भविष्य में अच्छा काम करने की संभावना की जा रही है इसलिए यह एक संभाव्य भविष्यकाल है।
(iii) हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यकाल – जब भविष्य में किसी क्रिया का होना किसी दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है तो उसे हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यकाल कहा जाता है।
जैसे जब तुम आओगे तो मैं जाऊंगा, इस वाक्य में भविष्य में जब सामने वाला क्रिया करेगा तभी मैं भी क्रिया कर पाऊंगा इसका अर्थ है कि भविष्य में एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर रहेगी इसलिए यह एक हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यकाल है।