आज गूगल रैंकिंग में सबसे अहम मैट्रिक की हम बात करेंगे जो की है बैंकलिंक। बैंकलिंक क्या होते हैं ? कैसे हम अपनी वेबसाइट के लिए हाई क्वालिटी बैकलिंक्स बना सकते हैं।
बैंकलिंक क्या है ?
“बैंकलिंक” किसी वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट एंटर होते है उसे बैकलिंक कहते हैं। उदाहरण के लिए A वेबसाइटी B वेबसाइट को लिंक देती है तो वह एक बैकलिंक कहलाता है।
बैंकलिंक कितने प्रकार के होते हैं ?
बैंकलिंक दो प्रकार के होते हैं Do Follow Links और No Follow Links
Do Follow Links :
यदि एक वेबसाइट किसी वेबसाइट को यह लिंक देती तो वह लिंक जूस पास करती है। लिंक जूस एक मीट्रिक जो रैंकिंग पर असर डालता है। क्युकी यह लिंक जूस पास करता है इसलिए वेबसाइट की रैंकिंग पर इसका असर होगा।
By default सभी लिंक्स Do Follow Links होते है।
ध्यान रखे की : जब कोई वेबसाइट आपको लिंक दे रही हो तो वह एक क्वालिटी साइट होनी चाहिए, उसकी अच्छी खासी अथॉरिटी होनी चाहिए। तभी वह आपकी साइट की रैंकिंग में सुधार कर सकते है।
No Follow Links :
वहीं अगर हम किसी साइट को यह लिंक देते हैं तो इसमें कोई लिंक जूस पास नहीं होता है। क्युकी इसमें no follow टैग लगाया जाता है। अब जब कोई लिंक जूस पास ही नहीं होगा तो इसका रैंकिंग पर कोई असर भी नहीं दिखाई देगा।
सर्च इंजन के क्रॉलर ऐसे लिंक्स क्रॉल नहीं कर सकते। लेकिन उपयोगकर्ताओं एक पेज से दूसरे पेज पर जाने के लिए इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मैं सिर्फ बैंकलिंक बनाने तक ही सीमित नहीं रहूंगा आइए बताता हूं कैसे।
हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनाये ?
बैकलिंक पाने के 3 तरीके हैं :
> बैकलिंक्स बनाना
> बैकलिंक्स खरीदना
> बैकलिंक्स Earn करना
इन तरीको में आपको बताएंगे की कौन से आपके लिए प्रभावी होंगे जो आपकी सर्च रैंकिंग में सुधार करेंगे।
#1. बैकलिंक्स बनाना :
> सोशल मीडिया का इस्तेमाल : बैकलिंक्स बनाने के लिए आप सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बना कर आपकी साइट का यूआरएल डाल सकते है जिससे आपको सर्च इंजन में विजिबिलिटी तो बढ़ती ही है साथ में आपको एक do follow link भी मिल जाता है।
> ब्लॉग पर कमेंट करना : जब बैकलिंक्स बनाने की बात हो रही है तब आप किसी ब्लॉग पर कमेंट करके अपनी साइट का यूआरएल वहाँ छोड़ सकते है। यह ज़रूरी नहीं की इसमें आपको do follow link ही मिलेगा इसमें आपको no follow link भी मिल सकता है।
दोनों आपकी साइट के लिए अच्छा काम करते है।
> Forum को ज्वाइन करना : बैकलिंक्स के लिए आप कई सारे फोरम प्रोफाइल बना करके आपकी साइट का यूआरएल लगा सकते है पर इससे पहले आपको फोरम में अपनी जान पहचान बनानी होगी। इसके लिए फॉर्म में एक्टिव रहे और लोगो से के साथ समय बिताये।
आपको इसमें अपनी पोस्ट को शेयर करने का मौका मिलता है जिससे आप do follow link पा सकते है।
> Directory Submission : यह काफी पुराना तरीका हो चूका है गूगल भी अब इन्हे ज्यादा महत्व नहीं देता। लेकिन कुछ ना करने से बेहतर है कुछ करना। लोग बैकलिंक्स के लिए अपनी साइट को डायरेक्टरी में सबमिट करते है।
यह कुछ साइट है जिसका इस्तेमाल आप कर सकते है :
>Hubpages.com
>Selfgrowth.com
>Articlesfactory.com
>Articlecube.com
>Vocal.media
बैकलिंक्स बनाने का प्रभाव : यह बनने में आसान है लेकिन इसका सर्च रैंकिंग में 30% तक प्रभाव दिखाई देता है।
Difficulty : Easy
Effect : Low
#2. बैकलिंक्स खरीदना
यह एक काफी रिस्की है। यह आपकी साइट को कुछ टाइम के लिए रैंक कर सकती है लेकिन बाद में आपकी साइट पर काफी बुरा इफ़ेक्ट पड़ सकता है। क्युकी गूगल इसे बिलकुल अवॉयड करता है।
कुछ वेबसाइट बैकलिंक सेल का बिज़नेस चलाती है। जो बैकलिंक बेच कर आपसे पैसे चार्ज करती है। बैकलिंक्स पाने का यह तरीका Google’s Webmaster Guidelines के खिलाफ है।
बैकलिंक्स खरीदने का प्रभाव : यह काम आसान है और इसका असर थोड़े समय के लिए दिखाई दे सकता है।
Difficulty : Easy
Effect : Average
#3. बैकलिंक्स Earn करना
> Email Marketing : आप बैकलिंक्स के लिए लोगो को ईमेल के ज़रिये उन्हें engage कर सकते है की वह आपको कोई बैकलिंक दे। यह तरीका आपको काफी सारे बैकलिंक्स earn करके दे सकता है।
ऐसे बैकलिंक्स आपको लॉन्ग टर्म के लिए अच्छी रैंकिंग दिला सकते है।
> Guest पोस्टिंग : आप अपने niche में काम कर रहे लोगो की वेबसाइट पर गेस्ट पोस्टिंग करके बैकलिंक्स पा सकते है। इससे आपको काफी फायदे है एक तो आप वेबसाइट ओनर के साथ रेलशन बिल्ड कर सकते है दूसरा आपकी रैंकिंग में भी सुधार आएगा।
> क्वालिटी कंटेंट बनाना : अधिक क्वालिटी कंटेंट खुद बैकलिंक्स अर्जित करते है। लोग उन्हें खुद बैकलिंक देना पसंद करते है। यदि आप अपनी ऑडियंस को वैल्यू देने पर काम करते है तो आपने भी किसी साइट को खुद बैकलिंक दिया होगा।
वेबसाइट पर इसका प्रभाव : यह काम थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इसका असर लम्बे समय तक रहता है।
Difficulty : Hard
Effect : High
हमारे आखरी शब्द :
बैकलिंक्स आपको साइट की अथॉरिटी को बढ़ाने और रैंकिंग को बूस्ट करने का काम करती है लेकिन तब जब आपको हाई अथॉरिटी वाली साइट से बैकलिंक मिलता है नहीं तो इसका उल्टा असर हो सकता है।
“बैकलिंक्स” सर्च इंजन को रैंकिग देने के लिए सिग्नल भेजते है।
Important FAQs :
1. क्या बैकलिंक रैंकिंग को बढ़ाते है ?
Ans : जी हाँ।
2. क्या क्वालिटी बैकलिंक बनाना आसान है ?
Ans : नहीं, इसके लिए आपको एफर्ट करने होंगे।
3. क्या लौ क्वालिटी बैकलिंक्स वेबसाइट पर बुरा असर डालती है ?
Ans : हाँ, यह आपकी साइट की रैंकिंग को गिरा देती है।