छप्पय छन्द की परिभाषा एवं उदाहरण

छप्पय छन्द एक संयुक्त मात्रिक छन्द होता है यह छन्द बहुत अधिक प्रसिद्ध नही है परन्तु आपकी परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इसलिए अब हम आपको छप्पय छंद की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में बताने जा रहे हैं।

छप्पय छन्द की परिभाषा

छप्पय छन्द एक संयुक्त मात्रिक छन्द होता है, इस छन्द का निर्माण रोला छन्द, उल्लाला छन्द तथा मात्रिक छन्द के योग से होता है, इस छन्द में छः चरण होते हैं जिसमे से प्रथम चरण रोला छन्द से लिया जाता है और अंत के दो चरण उल्लाला छन्द से लिए जाते हैं।

इस छन्द के प्रथम चरण में चौबीस मात्राएँ तथा अन्तिम के दो चरणों मे 26 – 26 मात्राएँ अथवा 28 -28 मात्राएँ पाई जाती हैं।

हिंदी व्याकरण में नाभादास के छप्पय छन्द उसी प्रकार से प्रसिद्ध हैं जिस प्रकार से तुलसीदास जी की चौपाइयां तथा विहारी के दोहे प्रसिद्ध हैं।

छप्पय छन्द के उदाहरण

नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है।
सूर्य-चन्द्र युग मुकुट, मेखला रत्नाकर है।
नदिया प्रेम-प्रवाह, फूल -तो मंडन है।
बंदी जन खग-वृन्द, शेषफन सिंहासन है।
करते अभिषेक पयोद है, बलिहारी इस वेश की।
हे मातृभूमि! तू सत्य ही,सगुण मूर्ति सर्वेश की।।”

ऊपर दिये गए उदाहरण में प्रथम चरण में 24 मात्राएँ  तथा अंत के दो चरण में 26 – 26 मात्राएँ है जिससे यह स्पष्ट है कि दिया गया उदाहरण छप्पय छन्द का उदाहरण है।

इस लेख में आपको छप्पय छंद के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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