कुंडलियाँ छंद की परिभाषा एवं उदाहरण

कुंडलियाँ छंद विषम मात्रिक छन्द के अंतर्गत आता है कुंडलियां छन्द का निर्माण रोला छन्द तथा दोहा छन्द के योग से होता है इस लेख में आप कुंडलिया छन्द की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ेंगे तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

कुंडलियाँ छंद की परिभाषा

कुंडलियाँ छंद एक विषम मात्रिक छन्द होता है इस छन्द का निर्माण रोला छन्द तथा दोहा छन्द के योग से किया जाता है। सर्वप्रथम इसमे दोहा छन्द के दो चरण होते है उसके बाद इसमे रोला छन्द का प्रयोग किया जाता है जिससे  कुंडलियाँ छंद का निर्माण होता है।

कुंडलियाँ छंद के उदाहरण

घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध।
बाहर का बक हंस है, हंस घरेलू गिद्ध
हंस घरेलू गिद्ध , उसे पूछे ना कोई।
जो बाहर का होई, समादर ब्याता सोई।
चित्तवृति यह दूर, कभी न किसी की होगी।
बाहर ही धक्के खायेगा , घर का जोगी।।

उपर्युक्त दिए गए उदाहरण में पहले और तीसरे चरण में 13 – 13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11 – 11 मात्राएँ मौजूद है जो कि एक दोहा छंद का उदाहरण है तथा इसके बाद रोला छंद का प्रयोग किया गया है जिससे यह स्पष्ट होता है कि कुंडलियाँ छंद का निर्माण दोहा छंद तथा रोला छंद के प्रयोग से ही होता है अतः यह कुंडलियाँ छंद का उदाहरण है।

इस लेख में आपको कुंडलियाँ छंद के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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