इन्टरनेट हमारी जिंदगी का वो एहम हिस्सा बन चूका है ! जिसके बिना इंसान का सोच पाना भी असंभव सा लगता है, जैसे की आप सब लोग जानते ही हो, अगर आपको कही जाना हो या फिर किसी से बात ही क्यों न करनी हो तो ऐसी परिस्थिति में कही न कही internet ( नेटवर्क ) का सहारा ही लेते है ! जोकि ये इन्टरनेट बहुत सारे नेटवर्क को मिलकर बना हुआ है !
कई बार तो लोगो को ऐसी जगह जाना होता है ! जहा का उन्हें सही से रास्ता नही पता होता है, तो ऐसे में वो लोग GPS की मदद से अपनी मंजिल तक पहुच जाते है ! शायद ऐसा आपने भी कई बार किया होगा ! आज कल GPS की मदद से ट्रैकिंग, मौसम जानकारी आदि बड़ी आसानी से मिल जाती है ! तो आज हम GPS क्या है और ये कैसे काम करता है, इसकी फुल फॉर्म क्या है इन सभी सवालो के जवाब जानेगे !
GPS क्या है ?
GPS एक ऐसा पोजिशनिंग सिस्टम है, जिसकी मदद से हम पल भर में किसी भी लोकेशन का पता लगा सकते है ! ये GPS एक Setelite based nevigation system है, जो लगभग 24 उपग्रह Setelite से मिलकर बना हुआ है ! ये 24 घंटे काम करता रहता है !
पुराने ज़माने में किसी भी लोकेशन का पता लगाने के लिए सूरज या तारे का इस्तेमाल किया जाता था परन्तु ये सब काम आज के वक़्त काफी आसान हो गये है, बस आपको अपने फोन में गूगल मैप खोलना है और उसके बाद GPS के notification को भी on करना है, फिर आपका फोन आपकी बताई हुई लोकेशन को दिखा देता है !
GPS की फुल फॉर्म क्या है
GPS की फुल फॉर्म Global Positioning System है ! जिसकी मदद से आप किसी भी वक़्त किसी भी जगह आप अपने द्वारा तय की गयी मंजिल की लोकेशन का पता लगा सकते है !
GPS की परिभाषा ?
GPS एक ऐसा system है, जो कई सारी setelite के साथ मिलकर काम करता है ! ये लोकेशन के साथ साथ सटीक जानकारी भी देता है ! अगर हम GPS को हिंदी भाषा में बोले तो GPS का मतलब वैश्विक स्थानिय निर्धारण प्रणाली है ! ये GPS की 3 प्रकार की चीजों से मिलकर बना हुआ है – setelite, ground station और reciver.
GPS की शुरुआत कब और किसके द्वारा हुई थी ?
GPS की शुरुआत सन 1957 में Soviet Union द्वारा लांच किया गया था ! शुरूआती दिनों में ये सिर्फ गवर्नमेंट और आर्मी के लिए ही मौजूद था, परन्तु आज कल ये आम जनता के लिए भी मौजूद है !
GPS के उपयोग
GPS का उपयोग कई प्रकार की फील्ड में किया जाता है जो हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे है !
- Emergency
ये तो आपको पता ही होगा की जब कोई भूकंप आता है तो वैज्ञानिक GPS की मदद से ही भूकंप का अनुमान लगते है की ये कितनी तेज़ है ! वैज्ञानिक फिर उसके अनुसार ही अपनी भविष्यवाणी तैयार करते है ताकि आपतकालीन में लोगो की जल्दी से जल्दी और सही समय पर मदद की जा सके !
- Transportation
इसका उपयोग कई बड़ी बड़ी कंपनिया भी अपने माल को import export करने लिए करती है, ताकि अपने माल की delivery सही समय पर की जा सके ! उसके साथ साथ में ये भी ट्रैक करती है की उनका माल सही सलामत जा रहा है या नहीन ! अगर सही सलामत है तो किस जगह पर है !
- tracking
ये तो हम सबको पता है , कई बार लोग ऐसी गलती कर देते है और फिर पुलिस के चुंगुल से छुप छुप क्र भागते रहते है ! माल लो किसी लड़के ने किसी लड़की के साथ अभद्रता के साथ छेड़ छाड़ की, अब उसी पीड़ित महिला ने उसके खिलाफ FIR दर्ज की ! अब पुलिस उसको धुंडने लगती है ! जब वो बहुत धुंडने पर भी न मिलता है तो ऐसे में पुलिस उसके डिवाइस की मदद से उस अपराधी को पकडती है, जो सिर्फ GPS की वजह से ही संभव है ! जिसे हम tracking कहते है !
चलो हम एक और example ले लेते है – मान लो : एक हैकर या हम यु कह सकते है की एक चोर है, जिसने किसी बैंक से करोड़ो रुपयों की चोरी की और फरार हो गया ! ऐसे में पुलिस चोर को धुंडने के लिए कई सारे मापदंडो का उपयोग करती है ! ऐसे में चोर को पकड़ने के लिए GPS की मदद लेती है !