डेबिट और क्रेडिट का मतलब

आपके बैंक अकाउंट में जब आप अपने स्टेटमेंट को देखते हैं तो ट्रांजैक्शन के पीछे डेबिट और क्रेडिट लिखा होता है। डेबिट और क्रेडिट का मतलब क्या होता है। इसके बारे में यदि हम बात करें तो डेबिट और क्रेडिट लेन देन की एक प्रकार है। जिसके माध्यम से खाते से निकली गई। राशि और खाते में प्राप्त की गई राशि का अलग-अलग विवरण आसानी से रखा जा सके।

डेबिट और क्रेडिट को ट्रांजैक्शन का स्वरूप या प्रकार भी माना जाता है। डेबिट और क्रेडिट के माध्यम से ट्रांजैक्शन को अलग-अलग बांटा जाता है। 

डेबिट का मतलब निकालना होता है और क्रेडिट का मतलब जमा होता है। अतः जब भी आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जाते हैं तो डेबिट की एंट्री दर्शाई जाती है और जब आपके खाते में पैसे जमा किए जाते हैं तो अकाउंट स्टेटमेंट में क्रेडिट की एंट्री दर्शाई जाती है।

डेबिट और क्रेडिट का मैसेज कब आता है

डेबिट का मैसेज खाताधारक को तब प्राप्त होता है। जब आपके खाते से किसी भी रुप में एटीएम कार्ड या यूपीआई के माध्यम से पैसे दूसरे खाते में भेजे जाते हैं। कहने का मतलब यह है, कि आपके अकाउंट से पैसे निकाल कर दूसरे के अकाउंट में डाले जाते हैं। तब आपके अकाउंट से पैसे निकलते हैं। अतः डेबिट का मैसेज आता है।

क्रेडिट का मैसेज खाता धारक को उस समय प्राप्त होता है। जब आपके खाते में या तो कैश डिपॉजिट किए जा रहे हो या किसी के द्वारा आपके अकाउंट में चेक लगाया जा रहा है या यूपीआई के माध्यम से आपके अकाउंट में पैसे जमा करवाए जा रहे हो ऐसी स्थिति में आपके अकाउंट में पैसा जमा होते हैं, तब आपके पास क्रेडिट का मैसेज आता है।

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