आज के इस लेख में हम आपको कर्तृवाच्य के बारे में बताने जा रहे हैं, कर्तृवाच्य क्या होता है? तथा कर्तृवाच्य के कितने प्रकार होते हैं। कर्तृवाच्य से सम्बंधित पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी अतः इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
कर्मवाच्य की परिभाषा
वाक्य में प्रयोग की गई क्रिया का ऐसा रूप जिससे वाक्य में उपस्थित कर्म की प्रधानता के बारे में ज्ञात होता है। उसे कर्मवाच्य कहते हैं। इसमे हमेशा सकर्मक क्रिया का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण-
- क्रिकेट मोहन से खेली जाती है।
- खाना मोनू से खाया जाता है।
- किताब रोशन से पढ़ी जाती है।
उपर्युक्त दिये गए वाकयों में क्रिया में परिवर्तन कर्ता के अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार होता है।
कर्मवाच्य का प्रयोग
कर्मवाच्य का प्रयोग निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है-
1. जिस वाक्य में कर्ता ज्ञात ना हो।
जैसे –
- क्रिकेट खेल गया।
- खाना बनाया गया।
- पत्र भेजा गया।
2. जब किसी कार्य का बोध अचानक से होता है-
जैसे –
- पेड़ से बंधी रस्सी टूट गई।
- कांच की कटोरी टूट गई।
3. जहाँ कर्ता के बारे में निश्चित जानकारी ना हो।
जैसे –
- कोर्ट में इस केस के अपराधी को पेश किया जाएगा।
- पढ़ाई की जा रही है।
4. किसी वाक्य में आवश्यकता की सूचना देने के लिए।
- अब पेट्रोल बहुत महंगा होने वाला है।
- अभी तक उसने दूध नही किया है।
कर्मवाच्य में परिवर्तन
कर्मवाच्य में कर्ता के तुरन्त बाद के द्वारा अथवा से का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण –
- बेदव्यास के द्वारा महाभारत की रचना की गई थी।
- रमन से कांच टूट गया।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन
कर्मवाच्य | कर्तृवाच्य |
---|---|
1. अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों को अवकाश दे दिया गया। | 1. अध्यापक ने विद्यार्थियों को अवकाश दिया। |
2. आज हम लोगों को हिंदी पढ़ाई गई। | 2. आज हमने हिंदी पढ़ी। |
3. बच्चों के द्वारा आंगन मद खेला जा रहा है। | 3. बच्चे आंगन में खेल रहे हैं। |
4. शिवम के द्वारा पत्र लिखा जाता है। | 4. शिवम पत्र लिखता है। |
5. दादा जी के द्वारा कहानी सुनाई गई। | 5. दादाजी ने कहानी सुनाई। |
इस लेख में आपको कर्मवाच्य के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।