आज के इस लेख में आप कारक के सबसे महत्वपूर्ण भाग में से एक है अधिकरण कारक के बारे में पढ़ने वाले है इस लेख में आपको हम अधिकरण कारक की परिभाषा तथा अधिकरण कारक के उदाहरण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
अधिकरण कारक की परिभाषा
वाक्य में प्रयोग होने वाले ऐसे कारक जिनसे क्रिया के बारे में जानकारी होती है अथवा बोध होता है, अधिकरण कारक कहलाता है।
अधिकरण कारक में अंदर, ऊपर, भीतर, बीच इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तथा इसकी विभक्ति में और पर होती है।
अधिकरण के उदाहरण
राजू बगीचे में खेल रहा है।
उपर्युक्त दिए गए इस वाक्य में क्रिया होने के स्थान के बारे में बोध हो रहा है इस वाक्य में खेलना एक क्रिया है तथा मैदान क्रिया का होने का स्थान है जो कि में विभक्ति के द्वारा स्पष्ट हो रहा है अतः यह अधिकरण कारक का उदाहरण है।
बंदर खंभे पर चढ़ा रहा है।
दिए गए इस वाक्य में चढ़ना क्रिया है तथा खंभा क्रिया के होने का स्थान है जो कि पर व्यक्ति के द्वारा स्पष्ट हो रहा है अतः यह अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।
रमेश पेड़ के ऊपर बैठा है।
ऊपर दिए गए इस वाक्य बैठना एक क्रिया है तथा पेड़ क्रिया के होने का स्थान है तथा ऊपर शब्द के द्वारा क्रिया के होने के स्थान के बारे में स्पष्ट हो रहा है जिस कारण से इसमें अधिकरण कारक होगा।
वह बस में जा रहा है।
दिए गए इस वाक्य में जाना एक क्रिया है तथा बस उस क्रिया के होने का स्थान है जो कि में विभक्ति के द्वारा स्पष्ट रूप से बताया जा रहा ,है अतः यह एक अधिकरण कारक का उदाहरण है।
घर में दिया जल रहा है।
उपर्युक्त दिए गए इस वाक्य में जलना एक क्रिया है तथा घर उस क्रिया के होने का स्थान है तथा यह सब में विभक्ति के द्वारा स्पष्ट रूप से ज्ञात हो रहा है। अतः यह अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।
अधिकरण कारक के अन्य उदाहरण
- पानी नदी में बह रहा है।
- वह सड़क पर चल रहा है।
- वह नीचे बैठकर खाना खा रहा है।
- राजीव कमरे के अंदर बैठा है।
- राधा कार में बैठी है।
- बिना ट्रैक पर दौड़ रहा है।
- राजू बेड पर सो रहा है।
इस लेख में हमने आपको अधिकरण कारक के बारे में जानकारी दी है यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।