यह कहानियाँ आपको ज्ञान देने के साथ आपके मनोरंजन का एक अच्छा साधन भी है। यह कहानी केवल हिन्दुस्तान में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में पढ़ी जाती है। Panchatantra Stories आपके लिए एक सीख है यदि आप इसका प्रभाव अपने जीवन में देखना चाहते है,
तो आपको इस पर अम्ल करने की जरूरत है। Panchtantra ki kahani को 50 से अधिक भाषा में अनुवाद किया गया है।
पंचतंत्र क्या है ?
क्योंकि इस कहानी में पांच तंत्रो में विभाजित किया गया है इसलिए इसे पंचतंत्र का नाम दिया गया है इस कहानी के रचयिता “आचार्य विष्णु शर्मा जी” को बताया गया है। अगर मैं आपको मोटा – मोटा बताऊं तो इसमें बताया गया है कि
- दोस्त कैसे बनाए जाने चाहिए ?
- संधि करते समय किस बात का ध्यान रखना जरूरी है ?
- सही निर्णय कैसे लेना चाहिए ?
- कैसे अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए ?
- अर्थशास्त्र, धर्म शास्त्र और नीति शास्त्र क्यों महत्वपूर्ण है ?
Panchatantra Stories – पंचतंत्र की कहानियां
#1. पंचतंत्र का पहला तंत्र है “मित्र–भेद“
- धोखेबाज मित्र
- न राजा बिना सेवक, न सेवक बिना राजा
- बुजदिल मत बनो
- न कोई छोटा, न कोई बड़ा
- शत्रु को तरकीब से मारो
- बुद्धिमान बलवान
- अनजान से बचो
- नीला गीदड़
- विरोधी की चाल
- एकता की जीत
- बुद्धिमान ही महान
- बाधा को पहले सोचो
- मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा
# 2. पंचतंत्र का दूसरा तंत्र है “मित्र–सम्प्राप्ति“
- दोस्ती की ताकत
- धन की शक्ति
- बिना कारण त्याग नहीं
- लालच बुरी बला
- नसीब बलवान है
#3. पंचतंत्र का तीसरा तंत्र है “काकोलूकीय“
- युद्ध की नींव
- बड़ों के नाम से लाभ
- पापी का फैसला
- ठगों की चाल
- बहुमत की शक्ति
- लालची बेटा
- प्यार को प्यार दो
- त्याग से स्वर्ग
- सदा भलाई करो
- फूट से लाभ
- अपना भेद किसी को मत दो
- जाति प्रेम
- मूर्ख ही मूर्ख
- बोलती गुफा
- राजनीति से शत्रु को मारो
#4. पंचतंत्र का चौथा तंत्र है “लब्ध प्रणाश“
- धोखेबाज
- पापी मित्र
- केवल एक बार
- वंश की वीरता
- ब्राह्मणी और पंगु
- नन्द और वररुची की कहानी
- गधा और धोबी
- खेतिहर की स्त्री, धूर्त और सियारिन
- घंटे और ऊंट की कथा
- सियार और सिंह
- कुत्ते की कहानी
#5. पंचतंत्र का पाँचवाँ तंत्र है “अपरीक्षित कारक“
- ब्राह्मण और नेवला
- चक्रधर की कथा
- सिंह को जिलाने की कहानी
- मूर्ख पंडित
- मच्छ की कथा
- गवैया गधा और सियार
- मंथर बुनकर
- हवाई किले बांधने वाला सोमशर्मा
- बंदरों का दल
- राक्षस और बंदर
- राजकन्या
- राक्षसे ने पकड़ लिया
- भारुड पक्षी की कहानी
- ब्राह्मण और केंकड़ा
पंचतंत्र की कहानी कैसे बनी ?
दक्षिणी भारत के एक राज्य में एक राजा के तीन बेटे थे और वह राजा यह निर्णय नहीं ले पा रहा था कि उसका साम्राज्य आगे कौन संभालेगा। इसके लिए उनके मंत्री ने विष्णु शर्मा जी को अपने दरबार में बुलाया और उन्होंने यह दावा किया कि वह केवल 6 महीने में उनके बेटों को नीति शास्त्र में पूरा समझा देंगे।
आचार्य विष्णु शर्मा जी ने यह कर दिखाया और उन्होंने पंचतंत्र के सभी पहलुओं को कहानी में दर्शाया है।
Conclusion : पंचतंत्र की स्टोरी हमेशा से ही प्रचलित कहानियों की लिस्ट में शामिल रहा है। जब हम किसी भी कहानी ढूंढ़ते है तो उसमे पंचतंत्र का नाम अक्सर आता है और क्युकी नीति शास्त्र को इसमें सरल भाषा में समझाया गया है जिसके लिए इसे हर कोई पढ़ना पसंद करता है।