यदि किसी वाक्य में किसी शब्द की पुनरावृत्ति दो या दो से अधिक बार हो तथा प्रत्येक बार उस शब्द का अर्थ भिन्न – भिन्न आये तो वह यमक अलंकार के लक्षण होते हैं। यमक अलंकार शब्दालंकार का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, यह सबसे महत्वपूर्ण अलंकार में से एक होता है अतः इसे ध्यान पूर्वक पढ़े।
यमक अलंकार की परिभाषा
यमक शब्द का अर्थ दो होता है, जब किसी वाक्य में कोई शब्द अथवा वर्ण दो या दो से अधिक बार प्रयोग में आता है तथा प्रत्येक बार उस शब्द का अर्थ भिन्न – भिन्न होता है तो वहाँ पर यमक अलंकार होता है। यमक अलंकार शब्दालंकार का महत्वपूर्ण भाग होता है।
यमक अलंकार के उदाहरण
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराए नर, वा पाये बौराये।।
उपर्युक्त दिए गए वाक्य में कनक शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है जिसमे से पहले कनक का अर्थ धतूरा है तथा दूसरे कनक का अर्थ सोना है। यहाँ पर दोनों बार एक ही शब्द के अर्थ अलग – अलग है अतः यहाँ पर यमक अलंकार है।
काली घटा का घमंड घटा।
ऊपर दिए गए वाक्य में घटा शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है जिसमे से पहले घटा का अर्थ बादलों से जिसमे कवि काले बादल के बारे में बात कर रहा है तथा दूसरे घटा का अर्थ है कम होना। इस पंक्ति में कवि कहना चाहता है कि जो बादल की काली घटा थी वह अभी नस्ट हो चुकी है तथा और उसका घमण्ड पूर्णतः समाप्त हो चुका है।
इस आर्टिकल में आपको यमक अलंकार के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें।