उभयालंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

उभयालंकार, अलंकार के सबसे महत्वपूर्ण भाग में से एक होता है, यह वह अलंकार होता है जो दो अलंकारो के मेल से बनाया जाता है। अब इस लेख में हम उभयालंकार की परिभाषा तथा उभयालंकार के प्रकार के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। उभयालंकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी।

उभयालंकार की परिभाषा

जहाँ पर अलंकार में शब्द और अर्थ दोनो का प्रयोग किया जाता है अर्थात जो अलंकार शब्दालंकार तथा अर्थालंकार के प्रयोग से बनता है वह उभयालंकार कहलता है। इसका निर्माण दो अलंकारों के योग से होता है।

उदाहरण

कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।

उभयालंकार के प्रकार 

उभयलंकार को दो प्रकार से विभाजित किया गया है।

  • संसृष्टि उभयलंकार
  • संकर उभयलंकार

1. संसृष्टि उभयलंकार

संसृष्टि अलंकार के अलंकारो के मिलने से बनता है इसके बाबजूद इस अलंकार को आसानी से पहचाना जा सकता है। इसमे शब्दालंकार तथा अर्थालंकार भी शामिल होते हैं।

2. संकर उभयलंकार

संकर उभयलंकार का निर्माण भी कई अलंकारो से मिलकर होता है। इनको अलग कर पाना सम्भव नहीं होता है।

इस आर्टिकल में हमने आपको उभयलंकार तथा उसके प्रकार के बारे में उदाहरण सहित समस्त जानकारी प्रदान की है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Leave a Comment