आज के इस लेख में आप गुण स्वर सन्धि के बारे में पढ़ने वाले हैं। गुण स्वर सन्धि, स्वर संधि का एक महत्वपूर्ण भाग है तथा यह आपकी परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
गुण स्वर संधि की परिभाषा
ऐसे शब्द जहाँ संधि करते समय अ या आ के पश्चात इ या ई का प्रयोग किया गया हो तब दोनो को मिलाकर ए का निर्माण होता है, अ या आ के पश्चात उ या ऊ का प्रयोग हो तो इन दोनों को मिलाकर ओ का निर्माण होता है तथा अ या आ के पश्चात यदि ऋ का प्रयोग होता है तो इन दोनों से मिलकर अर् का निर्माण होता है। इस तरह से बनने वाले शब्द गुण स्वर संधि के अंतर्गत आते हैं।
गुण स्वर संधि के उदाहरण
गुण स्वर संधि के महत्वपूर्ण उदाहरण निम्नलिखित दिए गए हैं-
(अ + इ = ए) के उदाहरण
- इतर + इतर = इतरेतर
- गज + इंद्र = गजेन्द्र
- उप + इंद्र = उपेन्द्र
- नृप + इंद्र = नृपेंद्र
- अंत्य + इष्टि = अंत्येष्टि
- न + इष्ट = नेष्ट
- भारत + इंदु = भारतेंदु
- न + इति = नेति
(अ + ई = ऐ) के उदाहरण
- प्राण + ईश्वरी = प्राणेश्वरी
- ज्ञान + ईश = ज्ञानेश
- परम + ईश्वर = परमेश्वर
- गण + ईश = गणेश
- प्र + ईक्षा = प्रेक्षा
- गोप + ईश = गोपेश
- धन + ईश = धनेश
- उप + ईक्षा = उपेक्षा
- जीव + ईश = जीवेश
- अप + ईक्षा = अपेक्षा
(आ + ई = ए) के उदाहरण
- अलका + ईश्अ = लकेश्
- कमला + ईश = कमलेश
- महा + ईश = महेश
- ऋषिका + ईश = ऋषिकेश
- उमा + ईश = उमेश
- रमा + ईश = रमेश
- गुडाका + ईश = गुडाकेश
(आ + इ = ए) के उदाहरण
- महा + इंद्र = महेंद्र
- यथा + इष्ठ = यथेष्ठ
- यथा + इच्छा = यथेच्छ
(अ + उ = ओ) के उदाहरण
- दर्प + उक्ति = दर्पोक्ति
- ग्राम + उत्थान = ग्रामोत्थान
- आद्य + उपांत = आद्योपांत
- अतिशय + उक्ति = अतिश्योक्ति
- गर्व + उन्नत = गर्वोन्नत
- अत्य + उदय = अत्योदय
- जल + उदर = जलोदर
- आनन्द + उत्सव = आन्दोत्सव
- ज्ञान + उदय = ज्ञानोदय
- अन्य + उक्ति = अन्योक्ति
(आ + उ = ओ) के उदाहरण
- यथा + उचित = यथोचित
- महा + उत्सव = महोत्सव
- होलिका + उत्सव = होलिकोत्सव
- महा + उपकार = महोपकर
- महा + उदय = महोदय
- यथा + उचित = यथोचित
- गंगा + उदक = गंगोदक
(अ + ऊ = ओ) के उदाहरण
- जल + उर्मि = जलोर्मि
- जल + ऊर्जा = जलोर्जा
- समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोमि
- उच्च + उधर्व = उच्चोधर्व
- जल + ऊष्मा = जलोष्मा
- नव + ऊढ़ = नवोढ़ा
(आ + ऊ = ओ) के उदाहरण
- गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि
- महा + ऊर्जा = महोर्जा
(अ / आ + ऋ = अर्) के उदाहरण
- उत्तम + ऋण = उतमर्ण
- महा + ऋषि = महर्षि
- उत्तम + ऋण = उतमर्ण
- महा + ऋण = महर्ण
- देव + ऋषि = देवर्षि
- कण्व + ऋषि = कण्वर्षीं