भूतकाल (PAST TENSE) : वे शब्द जो केवल बीते समय का बोध कराते है, उसे भूतकाल कहते हैं। भूतकाल का मतलब कार्य की समाप्ति। भूतकाल के वाक्यों के अंत में सामान्यतः था, थे, थी, चुका, चुके, चुकी आते हैं।
जैसे :-
भूत काल के भेद :-
- सामान्य भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- अभ्यस्त भूतकाल
- हेतुहेतुमद् भूतकाल
सामान्य भूतकाल
कार्य के होने या करने के विशेष समय का पता ना हो सामान्य भूतकाल कहते हैं।
जैसे :-
मैंने खाना खाया।
वह गया।
उसने कहा।
आसन्न भूतकाल
कार्य थोड़ी देर पहले ही पूर्ण हुआ अर्थात् क्रिया का वह रूप जिस से क्रिया के तुरंत समाप्ति का बोध हो आसन्न भूतकाल कहलाता हैं।
पहचान- सामान्य भूतकाल के वाक्यों के अंत में ‘है’ आता है, तो वहां आसन्न भूतकाल होता है।
जैसे :-
मैंने अभी खाना खाया है।
वह अभी आया है।
उसने गाना गा लिया है।
पूर्ण भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिस से कार्य पूरी तरह से समाप्त होने का बोध हो, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
पहचान- वाक्यों के अंत में चुके थे, चुका था, चुकी थी,
आते है।
जैसे :-
मैं जा चुका था।
बस जा चुकी थी।
वह गाना गा चुका था।
अपूर्ण भूतकाल
क्रिया का जिससे कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ इस बात का बोध हो अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
पहचान- वाक्य के अंत में रहा था, रहे थे, रही थी, आते हैं।
जैसे :-
गोपाल सो रहा था।
महेश रो रहा था।
सीमा गा रही था।
महेंन्द्र बाजार जा रहा था।
संदिग्ध भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिससे कार्य का भूतकाल में होने का संदेह हो, संदिग्ध भूतकाल कहलाता है।
पहचान- सामान्य भूतकाल के वाक्यों के अंत में होगा, होगी, होंगे आते हैं, तो वहां संदिग्ध भूतकाल होता है।
जैसे:-
नरेश गया होगा।
सीमा गा रही होगी।
मोहन हो रहा होगा।
अभ्यस्त भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिससे भूतकाल में नियमित कार्य होने का बोध हो, अभ्यस्त भूतकाल कहलाता है।
पहचान- जिन वाक्यों के अंत में ता था, ती थी, ते थे आते हैं, वे अभ्यस्त भूतकाल के वाक्य होते हैं।
जैसे:-
मैं स्कूल जाता था।
विजय नशा करता था।
हेतुहेतुमद् भूतकाल
किसी एक शर्त की वजह से किसी क्रिया का पूरा होना या पूरा ना होना, हेतुहतुमद् भूतकाल होता हैं।
जैसे:-
आप मेहनत करते तो सफल हो जाते थे।
यदि मैं समय पर पहुंचता तो गाड़ी मिल जाती थी।
गोपाल ने कठिन परिश्रम किया तभी वह सफल हुआ।